अधिक आमदनी के लिए ऐसे करे मिर्च की खेती | Mirch ki kheti
मिर्च सब्जी की एक ऐसी हिस्सा है जिसके बिना घर का कोई खाना बेस्वाद
(फीका-फीका) लगता है। भारत में कोई भी ऐसी घर नहीं जहाँ आपको बिना मिर्च के
सब्जी,दाल या अन्य चटक वाली चीजों को बनते हुए देखने को मिल जाये। हर जगह मिर्च
का उपयोग बेधडल्ले से किया जाता है।
Mirch ki kheti |
इसी कारन से मिर्च की मांग साल के बारहो महीने में रहती है और अधिक मांग तथा
उत्पादन की कमी के कारण मिर्च की रेट भी बाज़ार में सदैव हाई रहती है। उत्पादन
की कमी का कई सारे कारन है जैसे- अनुकूलित वातावरण न होना, मिटटी का प्रकार सही
न होना, पानी की कमी और सबसे महत्वपूर्ण बात
मिर्च की खेती की सही जानकारी न उपलब्ध होना इसके अलावा और भी
कारन हो सकते है जिसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे और आपके मन में पनप रहे
मिर्च की खेती से सम्बंधित सभी प्रश्नो का जबाब देंगे।
इस आर्टिकल में आप जानेंगे-
मिर्च की बुआई और रोपाई का समय/ मौसम
किसी भी फसल को लगाने से पहले उस फसल की मौसम के बारे में ज्ञात होना अति
आवश्यक है क्योंकि यदि मौसम की जानकारी नहीं होगी तो आप बुआई और रोपाई लेट-सेट
से करोगे और इसका दुष्परिणाम यह होगा की फसल आपको सही आमदनी नहीं दे पायेगी।
इसलिए मिर्च की खेती करने का समय मालूम होना जरुरी है।
मिर्च की खेती मुख्यतः तीन समयों में की जाती है-
- आगत: यह मई और जून के महीने में बोई जाती है।
- रबी : इसे जुलाई जुलाई और अगस्त में बोया जाता है।
- बसंत: यह विशेषकर जनवरी और फरवरी में बोया जाता है।
मिर्च के बीज को डायरेक्ट जाकर खेत में तो लगाया नहीं जा सकता है इसलिए इसे
खेत में लगाने के दो चरणों से होकर गुजरना पड़ता है पहले बीज की बुआई करनी
पड़ती है और जब बीज तैयार हो जाता है तब उसकी रोपाई खेत में की जाती
है।
मिर्च की बीज को बोने के लिए इन बातो पर दे विशेष ध्यान-
- बीज को लगाने के लिए आपको बिअरार (जहाँ बीज बोया जाता है) में कियारी बनानी पड़ेगी जिसके लिए निचे दिए तथ्यों पर दे विशेष ध्यान।
- सड़ी हुई गोबर के साथ खेत की जुताई कर ले।
- यदि खेत में चींटी या कोई और छोटे जीव है जो पौधों को नुकसान पंहुचा सकते है तो उनके लिए कियारी की मिटटी में 'हिंडोल पाउडर' को अच्छी तरह से छिड़काव कर दे और उसे मिला दे।
- अब अपने अनुसार छोटे-छोटे कियारी बनाकर उनमे बीज को मिटटी की हलकी परत से दबा दे।
- आप कियारी के ऊपर पुवाल भी रख सकते है ताकि कोई पक्षी आकर उन बीजो को निगल ना जाये।
मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी
मिर्च की फसल के लिए मिटटी भी काफी हद तक असर डालती है यदि मिटटी मिर्च के
लिए अनुकूल होगी तो वह आसानी से बिना किसी अधिक परिश्रम और अधिक खर्च के हो
जाएगी।
मिर्च की खेती के लिए - 'अच्छी जल निकास वाली हलकी दोमट मिटटी अच्छी मानी
जाती है'
हलाकि मैं जिस खेत में मिर्च की खेती करता हूँ वह हलकी
बलुई मिटटी है जिसमे पानी जरा भी नहीं ठहरता है हर तीसरे दिन मुझे सिचांई
करनी पड़ती है। और मुझे खाद एवं उर्वरक तथा गोबर भी ज्यादा देना पड़ता
है।
मिर्च के बीज की उत्तम क्वालिटी
यदि आपने तय कर ही लिया है की मिर्च की खेती करनी है तो सबसे पहला चरण
यह आता है की मिर्च के बीज का चुनाव कैसे करे, किस प्रकार के बीज का चुनाव करे,
क्या हाइब्रिड बीज का चुनाव करे या लोकल इत्यादि।
मिर्च के बीज की उत्तम प्रभेद-
- मसाला के लिए अच्छी मिर्च की क्वालिटी
- पूसा सदाबहार- सबसे बेस्ट क्वालिटी बड़े-बड़े किसान भी इस बीज को लगाना प्रेफर करते है क्योंकि इससे उत्पादन अन्य सभी बीजो के मुकाबले सबसे अधिक होता है।
- आंध्रज्योति
- एन.पी - 46
- पूसा ज्वाला
- के.ए 2
- सब्जी के लिए अच्छी बीज की क्वालिटी
- कॉलिफोर्निआ वंडर
- येलो वंडर
- चाईंनिज़ जॉइंट
मिर्च की खेती के लिए खाद और उर्वरक की मात्रा
खेत की जुताई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर के छिड़काव के बाद ही खेत की जुताई
करे इससे मृदा में ह्यूमस की मात्रा बढ़ जाती है। लेकिन फसल के अधिक उत्पादन के
लिए केवल गोबर ही काफी नहीं है इसके अलावा आपको उसमे खाद और उर्वरक का भी
प्रयोग करना होगा।
यदि आप एक हेक्टेयर में मिर्च की खेती कर रहे है तो आपको 250 क्विन्टल गोबर
खाद, यूरिया 100 किलोग्राम और 50 किलोग्राम पोटाश देने की आवश्यकता
होगी।
इन बातो पर दे विशेष ध्यान -
- कियारी में पौधा तैयार हो जाने के बाद वह खेत में रोपने के लिए तैयार हो जाता है।
- अब आप खेत में कियारी बना ले और उस कियारी पर ही पौधों को लगभग 1 से 2 फीट की दुरी पर लगा दे।
- कियारी का निर्माण ऐसा करे ताकि सिचाई, खरपतवार नियंत्रण तथा फल की तुड़ाई के समय कोई परेशानी ना हो।
मिर्च में लगने वाले किट और रोग तथा उसके उपचार
कीटो से बचाव
मिर्च में लगने वाले मुख्यो कीटो में दीमक, भूरा क्रिकेट और कजरा है जो मिर्च
के लिए बिचड़ों की अवस्था में हानिकारक साबित होते है। अतः इनसे बचाव के लिए खेत
के जुताई के समय ही बायफेनथ्रिन 10 ई.सी. 20 किलोग्राम बालू में मिलाकर प्रति
हेक्टेयर की दर से छिड़क दे।
मिर्च को गमले में लगाने का सही तरीका
जो लोग चाहते है की अपने घर में ही यानि की छत पर घर की बालकनी में गमलो में
मिर्च की पौधों को लगाए तो वो इन स्टेप्स को एकाएक फॉलो करे-
- मिटटी और सड़ी हुई गोबर का इंतजाम करे और उसे अच्छी तरह से मिला ले।
- गमले के छेद के जगह पर कुछ ऐसी चीज रखे जिससे मिटटी बाहर ना जाये पर अधिक पानी उस छेद से बहार चली जाये ताकि पौधों में फंगस न लगे और उसका जड़ सड़े नहीं।
- अपने आस-पास की नर्सरी या बीजभण्डार से पौधा या बीज को लाये
- और उसे गमले में लगा दे। यदि बीज है तो हलकी मिटटी की परत से दबा दे और पौधा है तो उसे थोड़ा सा गाड़ दे।
- जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाये तो आप यूरिया और सलफेट को मिलाकर दो-चार दाने गमले में छिड़क दे। ध्यान रहे ज्यादा छिड़कने से पौधे सुख सकते है।
- तथा कीटों और रोगो का नियंत्रण ऊपर बताये हुए उपचारो के मुताबिक करे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुआई के कितने दिनों के बाद रोपाई की जानी चाहिए ?
उत्तर : मिर्च के बीज के बुआई के लगभग 1 माह के बाद उसकी रोपाई की जानी
चाहिए।
2. एक हेक्टेयर खेत की लिए कितने बीजो की बुआई करनी चाहिए ?
उत्तर: एक किलोग्राम बीज एक हेक्टेयर के काफी होते है।
3. मिर्च की खेत की सिचाई का समय अंतराल क्या है ?
उत्तर: इस फसल के लिए 10-12 दिनों पर सिचाई करनी चाहिए यह मौसम पर भी निर्भर करता है।
बरसात में काम सिचाई की आवश्यकता होती है वही वही गर्मी में अधिक।
4. ऊपर बताये गए बीजो में से कोई भी बीज, बीजभण्डार में उस नाम से उपलब्ध नहीं है, क्यों ?
उत्तर:
उपरोक्त नाम सभी प्रजाति के नाम है इन प्रजाति के बीजो का उत्पादन कम्पनियाँ
करती है और वह अपने ब्रांड-नेम के आधार पर बीज बेचती है। हलाकि थोड़ा जानकारी
लेने पर उसके बारे विस्तार से जानकारी प्राप्त हो जाती है। VNR की मिर्च भी एक
अच्छी प्रजाति की मिर्च है। जिसका उत्पादन काफी अच्छा है।
5. मिर्च की खेती का उपज कितना होता है ?
उत्तर: जैसा की मैंने पहले ही आपको कहा था की अच्छी क्वालिटी की बीज लगाने से ही
अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। उसी प्रकार मिर्च की हरी फली 80-100 क्विंटल
प्रति हेक्टेयर होती है।
इसे भी पढ़े-
आशा करता हूँ की आपको मिर्च की खेती से सम्बंधित सभी प्रश्न समाप्त हो गए
होंगे। यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे बेझिझक कमेंट बॉक्स में
पूछे मुझे आपके प्रश्नो का उत्तर देने में ख़ुशी अनुभव होगी। और हां यदि यह
आर्टिकल आपको हेल्पफुल लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न
भूले।
धन्यवाद !