Bhindi ki unnat खेती कब, कैसे करे तथा इससे सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी

Bhindi ki unnat खेती कब, कैसे करे तथा इससे सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी 


भिंडी उन फसलों में गिनी जाती है जिसके उत्पादन में अन्य फसलों के अलावा थोड़ा कम मेहनत लगता है। परन्तु ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है की यह बिना मेहनत के ही आसानी से उगाई जा सकती है। 

ज्यादातर किसान 'भिंडी की फसल' को लगाना पसंद करते है। और इससे उन्हें अच्छी लाभ भी मिलती है लाभ मिलने के मुख्यतः दो कारन है एक उनके पास 'भिंडी की खेती कैसे करे' की अच्छी जानकारी है और दूसरी उनके पास एक एक्सपीरियंस है जो उन्हें इस फसल से पैसा बनाने में मदद करता है। 


Bhindi ki unnat खेती कब, कैसे करे तथा इससे सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी
भिंडी की खेती कैसे करे ?



पर यदि आप नए है और 'भिंडी की खेती' करना चाहते है या आपको भिंडी के खेती के बारे कुछ जानकारिया इकट्ठी करनी है जिसके मदद से आप इस फसल से अपने लाभ को दो गुना कर पाए तो आप बिलकुल ही सही जगह पर आए है हम विस्तार से चर्चा करेंगे की -


भिंडी की खेती कैसे करे 


भिंडी की खेती करना कोई टफ काम नहीं है पर भिंडी के फसल को उगाने के लिए बारीक़ से बारीक़ बातो का ध्यान रखना अत्यंत अनिवार्य है। इसके लिए आपको उत्तम बीज के चुनाव के साथ-साथ उसकी बुआई से लेकर फसल के उत्पादन तक कुछ निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखना होगा। 

हाइब्रिड (संकर)  भिंडी के बीज का  चयन करे 


जब भी कोई व्यक्ति अपने लिए एक घर बनाता है तो वह सबसे पहले यह सोचता है की यह घर मुझे आँधी-पानी, भूकंप से मुझे बचा सके। इसके लिए वह घर का नीव (foundation) मजबूत बनाता है। इसलिए जब आप बीज का चयन करे तो अच्छे प्रजाति/किस्म के बीज का चयन करे ताकि वह आने वाले समय में आपको अच्छी आमदनी दे सके। 

अच्छे बीज का चयन करने से लाभ -
  • समय पर अंकुरण और पौधे का विकाश तीव्र गति से 
  • जब पौधे तैयार हो जायेंगे तो आपको इससे अन्य general किस्म के बीजो से उत्पादन दो-गुना मिलेगा। 
  • इसके फल आकर्षक होंगे जो ग्राहक को एक ही नज़र में पसंद आ जायेंगे। 
  • छोटे पौधे में फल का विकास होना शुरू हो  जाता है। 
  • यदि आप अच्छे बीजो का चुनाव करते हो तो बाद में आप इससे स्वयं एक अच्छी क्वालिटी की बीज तैयार कर सकते हो। इस विधि को मैंने खुद कइयों बार अपनाया है। बीज तैयार करने से मुझे दो लाभ मिल जाते है एक तो इसे मैं अपने अगले फसल तैयार करने के उपयोग में लाता हूँ और दूसरा अन्य किसानो को अपनी घर की बनाई हुई बीज भी बेचता हु। जिससे केवल मुझे नहीं बल्कि दूसरे किसानो को अच्छी-खांसी लाभ हो जाती है। 

हाइब्रिड (संकर) किस्म के बीज 

  • राधिका 
  • चिरंजीवी f1 
  • ताईशिता की भिंडी 
  • कनक f1 
ऊपर जितने भी हाइब्रिड किस्म के भिंडी के नाम दिए है। उसमे से पुरे भारत में राधिका एक प्रसिद्ध भिंडी है जो किसी भी जगह में मिल जाएगी पर अन्य किस्म  हो सकता है की आपको हर जगह न मिले। इसके जगह पर आपको दूसरे हाइब्रिड किस्म के बीज मिल जायेंगे। 

भिंडी के बुआई का सही समय 


भारत में भिंडी की खेती मुख्यतः दो मौसम में  की जाती है एक गर्मियों में और दूसरी बरसात में दोनों यदि मौसम के शुरुआत होने से पहले आप सही समय पर इसे लगा देते हो तो इससे आपको अच्छा लाभ मिलने की संभावना होती है। 

जाड़े के मौसम के समाप्त होने के बाद यानि की फरवरी महीने के अंतिम दिनों से भिंडी की बुआई शुरू हो जाती है जो मार्च, अप्रैल, और मई तक होती है। और इन महीनो में जिस भिंडी की बुआई होती है उन्हें गर्मियों वाली भिंडी कहा जाता है। 

जून, जुलाई में भिंडी की बुआई की जाती है और इस भिंडी को बरसाती भिंडी भी कहा जाता है यह भिंडी  ज्यादातर उन्ही जगहों पर या वो ही किसान लगाते है जहाँ पानी की कमी होती है। 

NOTE:- हाइब्रिड भिंडी 45 से 60 दिनों (डेढ़ से दो महीनो) में फल का उत्पादन शुरू कर देते है। 

भिंडी के फसल के लिए खेत की तयारी 


यदि आप खेती करने में जरा सा भी interested है तो आपको तो यह अवश्य पता होगा की बीजारोपण से पहले खेत की जुताई करना आवश्यक होता है ताकि मिटटी भुरभुरी हो जाये। 

पर जब आप  खेत की जुताई करते हो तो जुताई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर (एक साल पुरानी) की खाद का छिड़काव कर देना ताकि जुताई के साथ-साथ गोबर भी खेत में आसानी से मिल जाये। 

खेत की जुताई के बाद इन  बातो का रखे ध्यान-
  • भूमि को समतल कर ले 
  • समतल करने के तुरंत बाद कियारी का निर्माण न करे 
  • मृदा में नमि का ध्यान रखे
  • भिंडी की फसल के लिए गोबर के अलावा कोई अन्य खाद की आवश्यकता नहीं है। 
  • लेकिन यदि आप फिर भी खाद देना चाहते है तो खेत की जुताई होने से पहले ही 'डीएपी' का छिड़काव कर सकते है। 

बीजारोपण करने का सही तरीका 


  • नमि वाली मृदा में बिना भिगोई हुई बीज को लगा सकते है। 
  • बीज को खेत में अपनी कानी ऊँगली के आधे (2-3 cm) के अंदर गाड़ सकते है। 
  • एक जगह 2-3 बीजो को लगाए। 
  • दो थालो के बिच की दुरी कम से कम 3 फीट रखे। 
  • दो कियारी के बिच भी आप 3-4 फीट की  दुरी रखे। 
  • कियारी का निर्माण पौधों के विकास के बाद करे तो अच्छा होगा इससे पहले भी कर सकते है। 
NOTE :- दो थालो व कियारी के बिच की  दुरी आप अपने अनुसार तय कर सकते है। बस इस बात का ध्यान रखे की पौधे के विकास में, सिचांई में और  फल की तुड़ाई में कोई परेशानी न हो। 

भिंडी के फसल में लगने वाले रोग और उसके उपचार 


जब भिंडी के खेत में कोई रोग लगती है तो या तो पौधे/ फल का विकास रुक जाता है या कोई किट फ़सल को सही से पनपने नहीं देता है। 
  1. जब भिंडी के पौधे में कोई किट इत्यादि लग जाते है तो वह खांसकर पौधे पर उत्पन्न हुए पत्ते या तो कली को चट्ट कर देते है। तो ऐसे में सुपरकिलर 25%, लीथल 505, रोगोहित, रोगहर, जैसे कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। भिंडी और बैगन के पत्तो पर ज्यादातर लाहि नामक किट ज्यादातर पाए जाते है। 
  2. जब भिंडी का पौधा छोटा ही होता है या बड़ा हो जाने के बाद भी उसमे फल नहीं लगते है और पौधों का विकाश रुक जाता है तो इस परिस्थिति से निजात पाने के लिए ईसाबियन, धानुवींट, धनजाइम गोल्ड  आदि विटामिन्स का छिड़काव किया जाता है। 

NOTE:- ऊपर जितने भी विटामिन्स और कीटनाशक के नाम बताये गए है ऐसा नहीं की आप केवल इन्ही केमिकल्स को ले मार्केट में और ऐसे कई सारे प्रोडक्ट्स मौजूद है जो कारगर साबित है। 


भिंडी के पौधों को गमलों में लगाने का सही तरीका 


भिंडी की खेती करने के अधिक से अधिक भूमि की आवश्यकता होती है ताकि पौधे का विकाश सही तरीके से हो सके और लाभ भी उतना हो सके जितना होना चाहिए। परन्तु वो लोगो का क्या शहरी क्षेत्रो में रहते है। 

जिनके पास मिट्टी आदि का कोई साधन नहीं है जहा वो पौधों को लगा सके। तो इसका भी एक साधारण हल है। यदि आप गमले में ही भिंडी लगाना चाहते है तो इन स्टेप्स को बारीकी और सावधानीपूर्वक फॉलो कीजिए -

  • कोई भी गमला ले पर गमला बड़े साइज़ का होना चाहिए यदि गमला नहीं भी है तो उसके जगह पर आप बड़ी बाल्टी या टब का इस्तेमाल कर सकते है। 
  • अपने आस-पास से मिटटी की जुगाड़ करे 
  • मिटटी को सड़ी हुई गोबर के साथ अच्छी तरह से मिलाये ताकि मिटटी में पौष्टिक तत्वों की पूर्ति हो सके आप उसमे कम मात्रा में यूरिया खाद का भी इस्तेमाल कर सकते है। 
  • गमले या बाल्टी में निचे छेद करे और उस छेद के ऊपर कुछ ऐसा चीज रखे ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाये पर मिटटी नहीं निकलनी चाहिए। 
  • भिंडी के 2-3 हाइब्रिड बीज को गमले में लगाए। 
  • इस आर्टिकल में बताये हुए स्टेप्स को फॉलो करे। 
क्या आप जानना चाहते है की -

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -


1. क्या भिंडी के फसल के साथ-साथ कोई अन्य फ़सल को लगा सकते है ?


उत्तर: हा अवश्य, जब आप बीजारोपण करते है तब कियारी में  खीरे, झिँगनी जैसे लत वाले पौधों को लगा सकते है पर बीजारोपण करने से पहले कियारी का निर्माण कर ले। 


2. क्या वास्तव में हाइब्रिड बीजो का निर्माण घर में किया जा सकता है ?


उत्तर: इसका भी उत्तर भी हाँ है। जब आप एक बार प्रैक्टिकल कर लीजियेगा तो पूर्ण रूप से विश्वास हो जाएगा। 



आशा करता हूँ की आपको 'भिंडी की उन्नत और अगेती खेती कब व कैसे करे' की सारी टिप्स और ट्रिक्स मिल गई होगी यदि आपके मन में अभी भी भिंडी की खेती/ फ़सल से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो उसे कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछे मुझे आपके प्रश्नो का उत्तर देने में ख़ुशी अनुभव होगी। यदि आपको पोस्ट पसंद आयी तो Vishwa Sewa को SUBSCRIBE करना न भूले। 

धन्यवाद !

Share this

2 comments

  1. Kya June Mai bhindi ka kya bhav milta h

    ReplyDelete
    Replies
    1. Ye apke area pr depend karta hai kyonki sab jagah bhindi bharpur matra me nhi ugai jati hai

      Delete

Please don't spread any spam link in the comment.
EmoticonEmoticon