नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय | Narendra Modi biography in
hindi
नमस्कार दोस्तों
Vishwa Sewa में
आपका स्वागत हैं। आज हम जानेंगे
नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय | Narendra Modi biography in hindi के बारे।
नरेंद्र मोदी वह युग-पुरुष हैं जिनमे पुरे विश्व को प्रभावित करने की कला
कूट-कूट कर भरी हुई हैं। इन्होने अपने नेतृत्व के दम पर समूचे भारतवर्ष में
अपनी सफलता के डंका को बजाया हैं। मोदी जी एक ऐसे दमदार नेता हैं जो केवल कहते
नहीं हैं, बल्कि जो कहते हैं उसे हर हाल में पूरा करते हैं जिसकी समझ
भारतवासियों में बखूबी हैं।
मोदी जी ने जब से अपनी होश संभाली तब से वह केवल अपने देश की तरक्की की सपना
लिए आगे बढ़ते रहे। इन्होने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी जबकि कई ऐसी
स्थियाँ-परिस्थियाँ उनके कदम को रोके रहने के लिए काफी उतावली थी पर
फिर भी वह अपने उच्च विचारो को साथ लिए आगे बढ़ते रहे।
उनमें एक नहीं बल्कि अनेक खुबिया हैं। जिसमे से प्रमुख यह हैं की उन्होंने कभी
भी पीछे मुड़कर नहीं देखा वह आगे बढ़ते चले गए और उनके अच्छे कर्म उनके रास्तों
के काँटों को साफ़ करते रहें।
मोदी जी ने यह कहा भी हैं की "जो बीत गया उसे
धरकर ना बैठे बल्कि आगे क्या करना हैं उसके बारे में विचार करें।"
Table of contents
तो आज हम जानेंगे नरेंद्र मोदी के -
- मोदी जी RSS में
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हर शख्श के जीवन में कुछ न कुछ विशेष अवश्य होता हैं जो उसे सफलता
दिलाने में मदद करता हैं। तो हमें उस विशेष गुण को सीखना हैं। इसी प्रकार मोदी
जी के जीवन से उस विशेष गुण हमें सीखना हैं उसे सिखने के लिए आप अंत तक हमारे साथ
बने रहिये।
नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय | Narendra Modi biography in hindi
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नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय |
नरेंद्र मोदी का संक्षिप्त परिचय | Brief introduction of Narendra
Modi
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नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय |
मोदी जी का परिवार | Family of Narendra Modi
17 सितम्बर 1950 को भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के मेहसाना जिले के वडनगर
टाउन में नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। यह वही दिन हैं जिस दिन पुरे भारतवर्ष में
विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाता हैं। मध्य वर्गीय परिवार में जन्मे
मोदी मोध-घांची-तेली समुदाय समुदाय से हैं। जो की भारत सरकार द्वारा एक
पिछड़ा समुदाय में गिना जाता हैं।
नरेंद्र मोदी हीराबेन और स्वर्गीय दामोदर दास मूलचंद मोदी के तीसरे पुत्र
हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना
करना पड़ा। इसी वजह से मोदी जी बचपन में ही प्लेटफार्म पर अपने पिता जी के साथ
चाय बेचने में हाथ बटाने लगे। इसके साथ-साथ वह स्कूल भी जाया करते
थे।
मोदी जी अपने एक इंटरव्यू में बताया हैं की - " घर की परिस्थि ठीक ना होने
की वजह से उनकी माँ घरो में बर्तन माँजने जाया करती थी जो मोदी जी को उस समय
बहुत आहत करती थी। " जब उन्होंने यह बात बताया तो उनके आँखों से आंसू छलक
पड़े। तथा ऑडियंस भी भावभिभोर हो उठी।
पहले की बालविवाह प्रथा के अनुसार मोदी जी की भी सगाई मात्र 13 वर्ष की अवस्था
में यसोदा बेन के साथ कर दी गई थी। पर जब नरेंद्र मोदी 17 साल के
हुए तब ही उनका विवाह यसोदा बेन के साथ हुआ। पर दोनों ने अपना समय साथ में बहुत
कम गुजारा और अलग रहने लगे। लेकिन उनका कोई विवाह-विच्छेद(Divorce) नहीं हुआ
हैं।
मोदी जी का यह मानना है की - " एक बंधन से मुक्त पुरुष जिसे अपने पत्नी -
बच्चे आदि की कोई चिंता ना हो वह भ्रस्टाचार के ख़िलाफ़ बंधन-युक्त व्यक्ति
के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह से लड़ सकता हैं। यसोदा बेन एक शिक्षिका हैं जो अभी
सेवनिवृत हो चुकी हैं और अपने भाई के साथ रह रही हैं।
पांच भाइयों और एक बहन में नरेंद्र दामोदर दस मोदी तीसरे स्थान में
हैं तथा उनके पांचो भाईयों के नाम - सोमभाई मोदी, पंकज मोदी, प्रह्लाद
मोदी और अमृत मोदी तथा उनकी बहन का नाम वासंती मोदी हैं। जो की आज
भी सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी की शिक्षा | Education of Narendra Modi
नरेंद्र मोदी पढाई में माध्यम केटेगरी के छात्र रहे हैं। उनकी रूचि बचपन से ही
वाद-विवाद प्रतियोगिताओ में ज्यादा रही हैं। वह इस क्षेत्र में इतने तीव्र थे
की उन्हें उसमे कोई मात नहीं दे सकता था। उनका यही गुण जो आगे चलकर उनके मंजिल
तक पहुंचाने में लाभदायद सिद्ध हुआ।
मोदी जी ने एक बार अपने छात्र अवस्था के समय को शेयर शेयर करते हुए
बताया था की - " जब वह स्कूल जाया करते थे तो जब स्कूल की छुट्टी हो जाया
करती थी तो वह पढाई के बाद बचे chalk के टुकड़े को चुनकर अपने बस्ते में भर
लिया करते थे और उसका उपयोग करते थे। "
नरेंद्र मोदी ने 1978 में राजनितिक विज्ञान से Bachler of
Arts(B.A) की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। इसके बाद भी
उन्होंने अपने पढाई को जारी रखा और 1983 में राजनितिक विज्ञान से ही Master of
Arts(M.A) की डिग्री गुजरात यूनिवर्सिटी से प्राप्त की।
नरेंद्र मोदी का राजनितिक में शरुआती दौर | Narendra Modi's political
phase in politics
नरेंद्र मोदी का राजनितिक सफर उनके RSS के कार्यकर्त्ता से शुरू हुआ उसके
पश्चात उन्होंने धीरे-धीरे शिखर पर पहुंचना शरू किया और फिर इसके बाद उन्होंने
राज्य स्तर पर अपना एक दमदार चेरा बनाया और तत्पश्चात वह रुके नहीं बल्कि
उन्होंने अपने कार्य के बल पर लोगो के दिलो में अपनी जगह बना ली और स्ने-स्ने
यह प्रक्रिया इतनी तेजी से बढ़ी की उन्हे एक राष्ट्रीय नेता बनने से कोई रोक
नहीं पाया वह राष्ट्रीय नेता तो बने ही पर एक नहीं दो-दो बार प्रधान-मंत्री के
कुर्सी को अपना नाम कर लिया। तो चलिए एक-एक कर उनके इस सफर को जानते हैं।
मोदी जी RSS में | Modi ji in RSS
मोदी जी बचपन से राजनितिक की और बड़े सक्रिय थे। उनकी सबसे प्रमुख बात तो यह थी
की वह मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के
संपर्क में आये। यह उनकी वह अवस्था थी जब कोई इतना कम उम्र का बच्चा जिसे
राजनितिक की कोई सूझ-बुझ नहीं होती हैं।
समय बीतता गया और साथ ही साथ मोदी जी RSS के संपर्क में रहते - रहते जब वह 20
साल के हुए यानि की 1970 में तो उन्होंने RSS का प्रचारक बनने का
निर्णय ले लिया। और 1971 के आते-आते वह औपचारिक तरीके से RSS के सदस्य बन
गए। इसके बाद वह कई वर्षो तक RSS में प्रचारक के तौर पर काम किया।
नरेंद्र मोदी जब BJP में पहुंचे | When Narendra Modi reached BJP
जब वह RSS के प्रचारक के तौर पर काम कर रहे थे तो वह लोगो को एकजुट करने में
सफल साबित होते जा रहे थे। मोदी जी की इसी उचे कद को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयं
सेवक संघ (RSS) ने उन्हें पार्टी में शामिल करने का फैसला किया।
और इसे अमल में लाने के लिए उन्होंने नरेंद्र मोदी को भारीतय जनता पार्टी (BJP)
जब वह पार्टी में शामिल हुए तो वह अकेले नहीं हुए बल्कि उनके साथ-साथ एक और
नेता थे जिनका नाम संजय जोशी हैं ये दोनों एक साथ ही बीजेपी में शामिल हुए। यह
1980 का दसक था जब एक नेता अपना छाप छोड़ने के लिए राजनितिक में शामिल
हुआ।
1988-89 में मोदी जी को गुजरात में भारीतय जनता पार्टी (भाजपा) का महासचिव
बनाया गया। नरेंद्र मोदी ने अपनी देख-रेख में अपने राजनितिक गुरु लाल कृष्ण
आडवाणी के साथ 1990 में होने जा रहे सोमनाथ और अयोध्या रथ यात्रा के लिए
आयोजन के साथ-साथ प्रबंधन में एक शानदार भूमिका निभाई।
उनकी इसी कार्य कुशलता को देखते हुए मोदी जी को और भी कई
महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौपी गई जिन जिम्मेवारियों का निर्वाह उन्होंने
सफलता-पूर्वक किया।
1995 में नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया और उन्हें कई राज्यों
में पार्टी का प्रभारी बनाया गया। इसके कुछ वर्षो के पश्चात ही 1998 में
मोदी जी को भारीतय जनता पार्टी (BJP) का महासचिव के पद पर नियुक्त किया
गया।
मोदी जी मुख्यमंत्री पद पर पदासीन
| Modi ji occupies the post of Chief Minister
2001 में जब गुजरात की स्थिति ख़राब होने लगी तो इसका जिम्मेवार
तत्कालीन मुख्यमंत्री केसुकभाई पटेल पर थोपा जाने लगा और उनपर मुख्यमंत्री पद
से इस्थीपे का दबाब बनाया जाने लगा। इस गंभीर परिस्थि को देखते हुए नरेंद्र
दामोदरदास मोदी को मुख्यमत्री बनाया गया। हलाकि इसका काफी विरोध भी किया गया
कुछ नेताओ का यह भी मानना था की अनुभव के अभाव की वजह से नरेंद्र मोदी अपने काम
को करने में असमर्थ हो सकते हैं पर मोदी जी ने यह साफ़-साफ़ कह दिया की यदि
जिम्मेदारी देनी हैं तो पूरी दो।
नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री पद सँभालने के कुछ महीनो के बाद ही गोधरा
कांड हुआ जिसमे कई कार सेवक मारे गए। और यह मामला अभी रुका नहीं बल्कि ठीक अगले
वर्ष यानि की 2002 में एक भयानक दंगा हुआ जिसमे कई मुस्लिम समुदाय के लोग मारे
गए।
खैर यह दंगा जब समाप्त हुआ तो मामले की छान-बिन होने लगी और इस दंगे का
जिम्मेवार तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्थात नरेंद्र मोदी के मत्थे जड़ा जाने
लगा यह मामला तूल पकड़ता गया और इससे मुख्यमंत्री को काफी नुकसान हुआ और उनकी
छवि धूमिल होने लगी।
इस दंगे से लोगो में इतना आक्रोश था की पुरे देश-भर के लोग न्याय के लिए एक
आवाज में गुहार लगा रहे थे। मामला को तूल पकड़ता देख तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल
विहारी वाजपेई जी ने घटनास्थल का दौरा करने का तय किया।
नरेंद्र मोदी पर कई संगीन आरोप लगाए गए और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा
पंहुचा जहाँ से कोर्ट ने एक टीम का गठन किया तथा उसे गुजरात में मामले की
छान-बिन करने के लिए भेजा। पर जब टीम ने छान-बिन करना शरू किया तो नरेंद्र मोदी
से सम्बंधित कोई सुराग नहीं मिला। जिससे मोदी जी पर लगा दाग काफी हद तक छूट
गया।
उसके बाद यानि की 2002 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो गुजरात की जनता
अपने मुख्यमंत्री पद के लिए नरेंद्र दामोदर दास मोदी को फिर से चुना। इसके बाद
से शरू होता हैं मोदी जी के जीत का सफर और तब से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान
बनानी शरू कर दी और लोगो ने उनपर अटूट विश्वास करना प्रारम्भ कर किया। मोदी जी
ने अपने काम के बल पर जनता के मन में बस गए।
इसके बाद जब कार्य काल समाप्त हुआ और जब 2007 में विधानसभा चुनाव हुआ तो जनता
ने फिर एक बार भारीतय जनता के नेता नरेंद्र मोदी को अपना मुख्यमंत्री चुना। और
इस दौर में नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने राष्ट्रीय नेता की छवि बनानी शरू कर
दी।
जब मोदी जी का तीसरा कार्यकाल समाप्त हुआ और जब 2012 में विधानसभा चुनाव
हुआ। तो जनता ने अपने चहेते नेता नरेंद्र मोदी को अपना मुख्यमंत्री घोषित
किया।
इस प्रकार मोदी जी ने गुजरात में लगातार चार बार मुख्यमंत्री बन एक मिशाल कायम
किया।
प्रधानमंत्री पद के दावेदार मोदी | Prime Ministerial candidate
Modi
नरेंद्र मोदी ने चार-चार बार मुख्यमंत्री बन अपनी एक अलग पहचान बना ली। उनकी
इसी माद्दा को देखते हुए उनकी गिनती भारीतय जनता पार्टी (BJP) के बड़े-बड़े एवं
प्रसिद्द नेताओ में होने लगी।
वही बीजेपी जो पिछले दो अर्से से केंद्र में विपक्ष से मात खा रही थी तो
इस बार यानि की 2014 में नरेंद्र मोदी के दमदार वक्तित्व पर चुनाव लड़ने का
निर्णय किया। जिसकी वजह ने उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद छोड़नी पड़ी।
और भारीतय जनता पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया।
हलाकि उस वक्त भी कइयों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार
बनाने से नाराज़गी जताई।
लाज़बाब तो तब हुआ जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के लिए 282 सीटों
पर प्रचंड बहुमत से जीत हाशिल की। और एक बार फिर उन नेताओ के सहमति पर खरे उतरे
जिन्होंने इन्हे उम्मीदवार बनाया था। इस तरह मोदी जी 26 मई 2014 को भारत के 14
वें प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली।
जब प्रधानमंत्री ने अपनी कुर्सी संभाली तो उन्होंने एक पर एक एक पर एक कई
बदलाव किये जिसकी लोगो ने कभी सपने भी कल्पना की थी और अपने इसी रूप को
उन्होंने 5 वर्षो तक जारी रखा और अबकी बार पुरे देश के लोगों के दिलो में जगह
बना ली।
2019 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के चुनाव को
जीतकर इतिहास रच दिया इस बार उन्होंने 303 सीटों पर जीत हासिल की
और अपने पद को संभाला और अबकी बार सरकार बनाते ही कई बड़े-बड़े बदलाव
किये जैसे-तीन तलाक के प्रथा को समाप्त किया , धारा 370 को हटाया आदि। और अभी
उनकी कार्यकाल 2023 तक जारी हैं।
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निष्कर्ष | Conclusion
तो इस प्रकार आपने देखा की कैसे एक मध्यवर्गीय परिवार का लड़का जिसका बचपना
आर्थिक तंगी से गुजरा और संघर्ष करते-करते अपने राज्य का 4 बार मुख्यमंत्री
बन बैठा और 2 बार प्रधानमंत्री।
आशा करता हूँ की नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय | Narendra Modi biography in hindi आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और इससे आपको बहुत कुछ सिखने को मिला
होगा।
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नरेंद्र मोदी जी के जीवन को गहराई से जान सके। और यह आर्टिकल कैसा
लगा अपना प्रतिक्रिया देना ना भूले।
धन्यवाद !
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